
उत्तराखंड के लिए ये २० साल संघर्ष पूर्ण रहे है। हमारे राज्य में जितनी भी सरकारें अयी सभी ने इस प्रदेश को लूटा फिर चाहे वो भाजपा ही या कांग्रेस, सभी राष्ट्रीय दलों की नीतियां एक ही रही है। किसी भी दल ने आजतक अपने अलावा राज्य हित की बात नहीं कही। हमारी भोली भाली जनता को इन राष्ट्रीय दलों के साहूकारों ने छला है। आज की स्थिति देखी जाए तो हर तरफ भुखमरी, आपदा का साया है।
इस कोरोना महामारी में भी हमारी सरकार सही समय पर सही निर्णय लेने में नाकामयाब हुई है। हमारे बेचारे भाईयो और बहनों को इस कोरोना महामारी जैसे विकट समय में सरकार का साथ नहीं मिला। क्वारंटाइन सेंटर जो बनाए गए थे उनकी हालत भी काफी खराब थी। वहा ना खाने की और ना ही रहने की ढंग की व्यवस्था थी, जिसके कारण हमारे प्रदेश लौट रहे युवक और युवतियों को बहुत कष्टों का सामना करना पड़ा।
मौजूदा स्थिति में पहाड़ के टूटे पड़े अस्पताल, हमारी सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था, पलायन, सड़कों के गड्ढे कहो या गड्ढों में सड़के बात एक ही है, और खाली पड़े हमारे मकान, हमारे उत्तराखंड की पीड़ा बयां करते है। राज्य के हालत बत से बत्तर होते जा रहे है। हमारे वापस लौट रहे युवकों को नौकरी के अवसर देने के बजाए हमारी सरकार अपने झूटे वादो से मोहित कर रही है। लगातार बढ़ रही बेरोजगारी हमारी सरकार के झूठे वादे दर्शाता है कि कैसे हमारी जन भावना के साथ इतने सालो से खिलवाड़ हो रहा है।
हमारे राज्य में बढ़ रहे कोरोना के मरीज भी हमारी निकम्मी सरकार की नाकामी दर्शाती है। हमारा राज्य बस रिश्वत, लूट, और नाकामी का अड्डा बन चुका है, और इस सब का सारा श्रेय जाता है हमारी आजतक की राज्य सरकारों को, जिन्होंने छला है इस प्रदेश को अपने घरों को भरने के लिए।
राज्य सरकार द्वारा गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर इस छोटे से राज्य पर दो राजधानियों का बोझ डाला गया है। अस्थाई राजधानी में दो विधानसभा भवन बनाकर पैसे की बंदरबांट करने का फैसला भी प्रदेश को पीछे की तरफ धकेल रहा है।
उत्तराखंड क्रांति दल इस सब को बर्दाश्त नहीं करेगा। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम फिर ९० के दशक जैसे जान आंदोलन को मजबूर होंगे, ताकि हम अपने राज्य को बचा सके, और अपने वीर आंदोलकारियों की आत्मा को शांति पहुंचा सके जिन्होंने इस राज्य के लिए शहदत दी है। आइए आप और हम मिलकर इस सब का सामना करे और अपना मिशन “उत्तराखंड बचाओ, उत्तराखंड बसाओ” और “राजधानी गैरसैंण” साकार कर अपने पहाड़ों और पहाड़ की जनता का विकास करे एवं वीर क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करे।
जय उत्तरखंड। जय भारत।
आपका,
इं हरीश चन्द्र पाठक,
केन्द्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तराखंड क्रांति दल।